Ghost Real Story In Hindi: Haunted Wall Trekking

अंश: यह घटना तब की है, जब मैं लगभग 14 साल का था। हमारे पड़ोस में एक पुराना अधूरा बना बंगला था, इसका प्रेतवाधित और शापित होने की अफवाह थी। उस पुराने बंगले का दिवार हमारे बंगले के साथ लगती थी। हम बच्चों को इस दीवार पर चढ़ कर अंत तक चलना बहुत पसंद था।...दोस्तों इस Ghost Real Story In Hindi को लास्ट तक जरुर पढ़ें क्यूंकि यह एक बहुत इंट्रेस्टिंग और सच्ची डरावनी कहानी है | अइ होप की आपको यह Real Ghost Story In Hindi जुरूर पसंद आएगा |


Ghost Real Story In Hindi: Haunted Wall Trekking
Hindi Horror Stories

Ghost Real Story In Hindi: Haunted Wall Trekking

यह मेरी बचपन की घटना है और लगभग 10 साल पहले हुई थी; जब मैं लगभग 14 साल का था। 

मेरा जन्म और परवरिश मुंबई में हुआ था, पर पिताजी के नौकरी बदलने के कारण हम महाराष्ट्र के एक छोटे से ग्रामीण शहर में शिफ्ट हो गए थे।

हमने शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत बंगले में फर्स्ट फ्लोर पर एक छोटा दो रूम का अपार्टमेंट किराए पर लिया।

मैं बहुत सारे ओपन स्पेस और प्रकृति की खूबसूरती देखकर अति उत्साहित था और मैंने जल्दी से पड़ोस में कई नए दोस्त बना लिए।

हमारे पड़ोस में एक पुराना अधूरा बना बंगला था, जो की कई सालों से खाली पड़ा था। इसका प्रेतवाधित और शापित होने की अफवाह थी। हम बच्चों ने शायद ही ऐसी कभी ऐसे किसी बेकार चीज़ पर ध्यान दिया हो।

पुराने बंगले का दिवार हमारे बंगले के साथ लगता था, जो की देखने में ऐसा लगता था कि बाद में बनाई गई हो।

हम बच्चें इस दीवार से बहुत मोहित थे और इस दीवार पर चढ़ कर इसके अंत तक चलना हमारा पसंदीदा टाइम पास था।

इस दीवार पर चलना एक चुनौती पूर्ण कार्य लगता था, क्यूंकि इसके आसपास बहुत से पेड़ उग गए थे, और उन पेड़ के डाल उस दिवार पर थे और दिवार को घास-फूस ने पूरी तरह से कवर कर लिया था। इस कारण से यह दिवार काफी भरा लगता था और उस पे चलने में बहुत परेशानी होती थी।

हम इस दिवार पर चढ़ने के खेल को रोमांचक वाल ट्रेकिंग गेम कहते थे।

मैंने इस खेल में बहुत बार भाग लिया और इस पर चलने के रोमांच से रोमांचित हो गया, हालांकि मुझे कभी भी चढ़ने या चलने में डर नहीं लगता था और न ही कभी कुछ अजीब महसूस हुआ था।

हालाँकि हमारे माता-पिता ने हमें इस खेल को खेलने से रोक कर, इस खेल को और अधिक रोचक बना दिया।

एक सर्दी की शाम हमारे कॉलोनी के सारे बड़े लोग, हम जिस फील्ड में खेलते थे वहां पर कुछ बैठक करने में व्यस्त थे। उस समय हमें वहां खेलने नहीं दिया जा रहा था और चुकी सब बिजी थे तो, हमें डाटने वाला भी कोई नहीं था, इसलिए हमने डांट के डर के बिना रोमांचक वाल ट्रेकिंग गेम खेलने का फैसला किया।

जैसा कि हम खेल में तल्लीन हो गए, धीरे-धीरे बहुत शाम हो गया।

New Horror Story In Hindi: Third Roommateको पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें 

मैं उस दीवार को क्रॉस करके जाने के लिए आखिरी बच्चा था, पर कुछ अज्ञात कारणों से मुझे थोड़ा डर लग रहा था। हालाँकि मैं दीवार पर चढ़ गया, पर अंधेरा बढ़ने के कारण मैं बहुत धीरे चल रहा था। मेरे दोस्त मेरे डरे होने के कारण मुझे दुसरे तरफ से छेड़ रहे थे, जिस कारण मुझे अपनी स्पीड बढ़ानी पड़ी।

मैं उस दीवार के अंत के छोर पर पहुँच गया, लेकिन तभी मैंने महसूस किया कि जैसे की कोई, कोई अज्ञात शक्ति मुझे दूसरी तरफ से धकेल रही हो और मुझे लास्ट पॉइंट तक पहुँचने नहीं दे रही हो, और फिर मैं अपना संतुलन खो बैठा और पुराने बंगले के परिसर में गिर गया।

इस समय तक मैं वास्तव में डर गया था और गिरने से मेरे घुटनों में चोट लग गयी थी, जिससे मैं और अधिक डर गया और मैं जोर-जोर से रोने लगा।

मैं अपने दोस्तों को हेल्प के लिए चिल्लाने लगा लेकिन उनकी तरफ से कोई मेरी हेल्प करने के लिए नहीं आया। मैंने उठने का प्रयास किया लेकिन ऐसा लगा जैसे मैं उठने में असमर्थ था और कोई मुझे जमीन पर बार-बार खीच रहा था।

मैं कुछ मिनटों के लिए इसी अवस्था में रहा और बस भगवान से अपनी माँ को भेजने की प्रार्थना करने लगा। सौभाग्य से कुछ समय बाद मेरे एक दोस्त की माँ, हमारे बंगले से बाहर आई और मेरे रोने या चीखने की आवाज़ सुनी और मुझे वहाँ से बचाया।

उन्होंने, मेरे माता-पिता को पूरी घटना सुनाई, जो यह सब सुनने के बाद घर का वातावरण काफी तनावपूर्ण लग रहा था, पर किस्मत से मुझे डांट नहीं पड़ी।

मुझे, मेरे पैर में बहुत बुरी तरह से चोट लगी थी और लगभग एक हफ्ते तक मुझे तेज बुखार रहा। डॉक्टर के पास से वापस आते वक़्त, मुझे कुछ मंदिरों में ले जाया गया और मेरे माता-पिता ने मेरे लिए विशेष पूजा की, जिससे मैं जल्दी रिकवर कर पाया।

हम और दो-तीन महीने के लिए उस जगह पर रहे और स्कूल की छुटीयों के समय दूसरी जगह शिफ्ट हो गए।

फिर मेरे किसी भी मित्र को उस रोमांचक वाल ट्रेकिंग गेम खेलने का साहस नहीं हुआ और सभी, मुझे उस दिन अकेला छोड़ने के लिए खेद महसूस कर रहे थे।

इसके बाद मैं इस घटना को याद नहीं करता हूं, मैं अपनी ओर से किसी भी रोमांच से अलग हो गया और आज तक ऊंचाइयों से डरता हूं।

..... Ghost Real Story In Hindi Ends Here .....


Team Hindi Horror Stories:

दोस्तों आपको ये Ghost Real Story In Hindi: Haunted Wall Trekking कैसा लगा ये कमेंट में बताये | यदि आप इस तरह के Hindi Horror Kahaniya या Horror story in Hindi का animated विडियो देखना चाहते हैं, तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें | यदि आप ऐसे ही और इंडियन घोस्ट स्टोरीज या story in Hindi horror देखना चाहते है तो -  Dating Ghosts (click here) youtube channel को subscribe कर लें ताकि मैं आपके लिए और भी ऐसे ही Scary Stories in Hindi लेकर आ सकूँ|

Dating Ghosts | Hindi Horror Stories | Horror Stories In Hindi



दोस्तों आपके पास भी कोई  Horror Stories In Hindi, Horror Story Real In Hindi, Ghost Stories in Hindi, रियल घोस्ट स्टोरीज इन इंडिया इन हिंदी, Hindi Ghost Stories है तो हमारे साथ शेयर करें और ऐसे  ही रोचक,  Hindi Horror Stories पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें  हमारे  Newsletter section को , धन्यवाद् |