Real Story Of Ghost In Hindi New: Mysterious Basement Parking

बाकि दिनों की तरह, आज भी जैसे ही मेरी कार ने ऑफिस बिल्डिंग में बने बेसमेंट के पार्किंग स्थल 3 में प्रवेश किया, मेरी कार में चल रही एफएम में सिग्नल चले जाने के कारण घर्घराने का साउंड आना शुरू हो गया। मैंने देखा की ध्रुव भैया अपनी लकड़ी की कुर्सी से उठकर, मेरी गाड़ी की तरफ दौड़ते हुए आ रहें हैं। दोस्तों इस Real Story Of Ghost In Hindi New को लास्ट तक जरुर पढ़ें क्यूंकि यह एक बहुत इंट्रेस्टिंग और डरावनी कहानी है | अइ होप की आपको यह real ghost story in hindi जुरूर पसंद आएगा |

Real Story Of Ghost In Hindi New: Mysterious Basement Parking

New Ghost Stories In Hindi Real: Mysterious Basement Parking
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बाकि दिनों की तरह, आज भी जैसे ही मेरी कार ने ऑफिस बिल्डिंग में बने बेसमेंट के पार्किंग स्थल 3 में प्रवेश किया, मेरी कार में चल रही एफएम, सिग्नल चले जाने के कारण घर्घराने का साउंड आना शुरू हो गया। मैं म्यूजिक सिस्टम के साउंड को कम कर दी और मैंने देखा की ध्रुव भैया अपनी लकड़ी की कुर्सी से उठकर, मेरी गाड़ी की तरफ दौड़ते हुए आ गए।

 मैंने उन्हें देखा और हर दिन की तरह वह मुस्कुराएँ और मुझे सलाम किया। अपने सीटी के मदद से, उन्होंने सही पार्किंग स्लॉट में मेरी कार को पार्क करने के लिए मदद करना शुरू कर दिया। वे डेली ही ऐसा करते हैं। यहां तक ​​कि जब मैंने उन्हें बोला था कि मैं अपनी कार को अपने आप से पार्क कर सकती हूं और आपकी मदद की कोई ज़रूरत नहीं है, फिर भी वह हमेशा हेल्प करने के लिए आ जाते हैं। ।

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उन्होंने मुझे बताया था कि वह पास ही रहते है और उनका रूम बेसमेंट के पार्किंग एरिया के बगल में ही है।

"काफी बरिश हुई है ना आज" उन्होंने मुझसे पूछा, मैंने अपना सर हिलाया और लिफ्ट गेट्स की ओर जाना शुरू कर दिया। मैंने देखा कि वह अपनी लकड़ी की कुर्सी पर वापस चले गए, अपने जेब से मोबाइल निकला और साउंड तेज कर के कुछ पुराने गाने सुनने लगे और साथ ही समाचार पत्र भी पढ़ना शुरू कर दिया।

ध्रुव भैया को बात करना बहुत पसंद था और उनसे जब भी मिलो वो हमेशा हमेशा अपने बेटे के बारे में बात करते थे जो की मेरी ही उम्र का था और काम करने के लिए दुबई गया हुआ था।

 मैं उन्हें उनकी काम के प्रति लगन और हस्मुखता के कारण काफी पसंद करती थी। बहुत बूढ़े होने के बावजूद- वह अपने काम के प्रति प्रतिबद्ध और हमेशा इमानदार रहते थे।

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हम छह महीने पहले नॉएडा में इस नई ऑफिस की बिल्डिंग में शिफ्ट हुए थे। आज हमारे लिए एक बहुत ही विशेष दिन था क्योंकि हमने एक बहुत ही महत्वपूर्ण एंड्राइड गेम रिलीज किया था और इसकी हल्की सेलिब्रेशन के लिए हमने ऑफिस में ही पिज़ा हट से पिज्जा और फ़ूड पांडा से केक आर्डर किया था।

दोपहर में छोटे से सेलिब्रेशन के बाद मैंने देखा, की पिज्जा का एक बॉक्स बच गया है। मैंने ऑफिस बॉय को बुलाया और उसे इस पिज़्ज़ा के बॉक्स को बेसमेंट में जा कर ध्रुव भैया को देने के लिए कहा।

ऑफिस बॉय ने मुझसे कहा की मैम मुझे लग रहा की आप बहुत थक गयी हैं । "यहाँ कोई ध्रुव भाई नहीं हैं ? यहाँ तक की हमारे बेसमेंट में आज तक कोई भी पार्किंग स्टाफ नहीं रहा है, आप किस ध्रुव भाई की बात कर रहीं हैं?"

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यह सुनते ही मेरे होश उड़ गए और मैं जहाँ थी वहीँ बैठी रह गयी। फिर शाम को मैं किसी तरह से धीरे-धीरे उस पार्किंग में गयी और मुझे यह देख कर बहुत हैरत हुआ की वहां न तो ध्रुव भैया थे और ना हीं उनकी लकड़ी की कुर्सी। मैं जल्दी से वहां से भागी और फिर कभी बेसमेंट में न तो गयी नहीं कार पार्क किया।

..... Real Story Of Ghost In Hindi Ends Here .....


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